7 दिसंबर का इतिहास | 7 दिसंबर से जुड़ा भारतीय इतिहास | 7 December in History | Bagha Jatin | Armed Forces Flag Day

 

  • 7 दिसंबर 1879 को जतीन्द्रनाथ मुखर्जी का जन्म अविभाजित बंगाल के नादिया जिले में हुआ। उनका नाम देश के महान क्रांतिकारियों में शामिल किया जाता है।

  • वे "बाघा जतिन" के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि एक बार जंगल से गुजरते हुए बाघ से हुई मुठभेड़ में होने बाघ को मार गिराया था।

  • वे क्रांतिकारी संगठन "युगांतर पार्टी" के प्रमुख नेताओं में से एक थे।

  • उन्होंने आजादी की लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी थी।

  • बाघा जतिन ने वर्ष 1908 में सिलीगुड़ी रेलवे स्टेशन पर तीन अंग्रेज अधिकारियों की अकेले पिटाई की थी। इस घटना के बाद से अंग्रेज अधिकारियों में उनके नाम का खौफ बढ़ गया था।

  • 7 दिसंबर 1949 से भारत में "सशस्त्र सेना झंडा दिवस" मनाने की शुरुआत हुई।

  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारतीय सेना के जवानों के प्रति आभार प्रकट करना और सेना के लिए धनराशि एकत्रित करना है। इस धनराशि से सशस्त्र सेना के प्रतीक चिन्ह झंडे को वितरित किया जाता है।

  • इस झंडे में 3 रंग हैं— लाल, गहरा नीला और हल्का नीला, जो तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते हैं।

  • साथ ही इस धनराशि का उपयोग सैनिकों के परिवारों की भलाई के लिए किया जाता है।

  • 7 दिसंबर 1972 को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपोलो 17 मिशन लॉन्च किया।

  • यह चांद पर भेजा गया नासा का छठा मिशन था।

  • इस अभियान में 3 अंतरिक्ष यात्री शामिल थे। इस 3 सदस्यीय दल का नेतृत्व जीन सर्नन ने किया।

  • अपोलो 17 मिशन को अंतरिक्ष विज्ञान की दृष्टि से मील का पत्थर माना जाता है।

  • इस अभियान के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों ने लगभग 12 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे।

  • इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद से पृथ्वी की जो फोटो खींची उस ऐतिहासिक तस्वीर को "द ब्लू मार्बल(The Blue Marble)" नाम दिया गया।

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